भगवान इंद्र के साथ तीर अर्जुन अर्थ विलय

भगवान इंद्र के साथ तीर अर्जुन अर्थ विलय

युद्ध का सामना करने में अर्जुन तप Brata Yudha बताया जाता है कि कहानी में, यह एक हथियार तीर प्राप्त करने के लिए तपस्या अर्जुन पाण्डव विशेषज्ञ मध्यस्थ तीर किया है. उन स्थानों में से एक माउंट अर्जुन तप Indrakila में है . क्योंकि अंत में Brata Yudha में युद्ध जीतने के एक साधन के रूप में कुछ जादू तीर हो रही है कि गंभीर अर्जुन तप . इसके कारण की सफलता के लिए अर्जुन राजा Jayasakti के चालक Indrakila मंदिर स्थापित किया जा रहा है . कि शाही राज्य नेतृत्व में राजा की जीत लाएगा क्या है अगर तप से जादू के परिणाम के साथ.
संस्कृत में जीतना जया कहा जाता है. राजा saktilah जीत हासिल की. यह निश्चित रूप से आज के ज्ञान की तरह नहीं किया गया था जब शब्द " जादू " . आजकल क्योंकि काला जादू के साथ जुड़े नकारात्मक अर्थ के शब्द " जादू " . पुरानी जावानीस सकारात्मक अर्थ में बयान Wrehaspati Tattwa 14 के अनुसार 'जादू' की परिभाषा .
Wrehaspati में कहा गया है : जिस तरह से ngarania Ikang sarwajnyana प्रतिद्वंद्वी sarwa काम . अर्थ : जिस तरह से नाम विज्ञान और बहुत काम का एक बहुत कुछ है . यहां विज्ञान आध्यात्मिकता का विज्ञान और सांसारिक ज्ञान , या Widya और Apara Widya मतलब है. दो विज्ञान ऋषि द्वारा वेदों का जन्म हुआ था . यह वैदिक वेद माता वेदों की माँ का मतलब है कहा जाता है यही कारण है कि . वैदिक मंत्र यह परमेश्वर का वचन है .
समझ Wrehaspati Tattwa तरह जादू शक्ति इस पर्वत Indrakila में अर्जुन से मांग की है . इसी तरह, मंदिर Indrakila पर राजा जया Sakti द्वारा . कहानी में यह उत्साह से तप अर्जुन अर्जुन तप बताया . अर्जुन एक जादू प्रतिरोध मिल khusyuknya क्योंकि आसानी से वासना द्वारा परीक्षा नहीं . अर्जुन परियों बहुत सुंदर लोगों द्वारा बहकाया गया था . लेकिन अर्जुन सब पर स्वर्ग से परी की सुंदरता से परीक्षा नहीं किया गया था .
इसके अलावा अर्जुन अधिक हिंसक प्रलोभन हो रही है . अर्जुन बहुत घातक एक विशाल सुअर ने हमला किया था . अर्जुन के प्रलोभन को दबाने के लिए तीर अपने जादू के निर्देशन के साथ एक विशाल सुअर सूअर लड़ते हैं. अप्रत्याशित रूप से भी विशाल सुअर पर कुछ तीर निर्देशन एक युवा शिकारी वहां गया था . सूअर भी एक तीर से मृत्यु हो गई .
हैरानी की बात है अर्जुन और विशाल सुअर के शरीर में फंस युवा शिकारी संयुक्त तीर के तीर . शिकारी यह उसकी बेधा और यह सुअर को मार डाला था कि वह कौन है कि कहा गया है कि एक तीर है कि कहा गया है . इसके बजाय अर्जुन भी सुअर को मार डाला कि तीर उसकी है कि जोर दिया. अर्जुन और शिकारी एक विवाद था . पहले तो दोनों समान रूप से मजबूत हैं . अर्जुन एक पल में , युवा शिकारी की हत्या से लड़ाई खत्म हो जाएगा लेकिन जब शिकारी भगवान इंद्र में बदल जाता है .
अर्जुन यह अर्जुन के लचीलेपन का परीक्षण करने के लिए भगवान इंद्र बने एक शिकारी था एहसास हुआ. असली भगवान इंद्र दिखाई दिया, तो अर्जुन takjimnya साथ भगवान इंद्र की पूजा की गई थी . यह अक्सर कला प्रदर्शन की एक किस्म में किया जाता है क्योंकि अर्जुन की कहानी तप , बाली में बहुत लोकप्रिय है . नृत्य के माध्यम से एक नाटकीय कला है , कोई आदि साहित्यिक कला , के माध्यम से भी वहाँ है पेंटिंग की कठपुतली कला के माध्यम से गुजर रहा है .
दरअसल यह इस दुनिया में जीवन के दर्शन का मान वाले प्रतीकों से भरा साहित्य kawya के माध्यम से कला प्रदर्शन अर्जुन तप तप Brata शिक्षाओं की कहानी है . तीर के साथ विलय अर्जुन भगवान इंद्र देवताओं की इच्छा के साथ मन को एकजुट करने के लिए सफलता तप Brata का प्रतीक है तीर. विशाल सुअर अक्सर lifelike लालची और बदतमीजी लाता है जो तमस गुना का प्रतीक है . तमस परमेश्वर की पवित्र इच्छा के साथ जुड़े हुए किया गया है जो मन से वश में किया जाना था . इसी तरह, प्रलोभन कोई अन्य Angel वासना प्रलोभन का प्रतीक है था .
सभी कि माहिर एक तप Brata का उद्देश्य है . वह आत्मनिरीक्षण कर पाए और दृढ़ संकल्प किया था कि अगर एक नए योद्धा के रूप में बिंदु अर्जुन अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम हो जाएगा , तो यह sangsara का एक जीवन से लोगों की रक्षा करने में डगमगाने के लिए आसान नहीं है . कार्य राज्य के लिए आसान नहीं है क्योंकि ऐसा सिर्फ नैतिक और मानसिक ताकत और साथ में पर्याप्त ज्ञान के बिना करना .
इस राजा Jayasaksi इस प्रकार Indrakila मंदिर की स्थापना के द्वारा महसूस किया जा रहा है क्या है . Hyang त्रिकोणीय Purusa गाया के रूप में अपनी अभिव्यक्ति में भगवान की पूजा के अलावा, यह भी अर्जुन तप की कहानी के पीछे जीवन के मूल्यों टपकाना करना है. Indrakila लोगों अर्जुन तप की कहानी के पवित्र मूल्यों को अवशोषित करने के लिए जारी कर सकेंगे पूजा करने के लिए मंदिर में आने की वजह से .
Manawa 1.89 Dharmasastra में कोई दायित्व नाइट एक सुरक्षा की भावना ( Raksanam ) और लोगों के लिए ( Danam ) समृद्ध बनाता है कि कहा गया है . इसके अलावा , वैदिक ग्रंथों yadnya उत्सव मनाना और लगातार होश या उसकी इच्छाओं के बंधन से खुद को नियंत्रित करने की कोशिश का अध्ययन.
मास्टर करने के प्रयास में Manawa Dharmasastra वासना लगातार जादूगर तथाकथित जुनून मास्टर करने के लिए कोशिश कर रहा , जिसका मतलब है wisayeswaprasaktatis घोषित किया गया था . क्योंकि एक योद्धा की हर दिन हमेशा सांसारिक चीजों के साथ dabbling . यह नकारात्मक हो जाता है सांसारिक बातें कहीं ऐसा न हो , तो हर दिन एक नाइट आयामी अशांति वासना में महारत हासिल है कि गतिविधियों करने के लिए कभी नहीं भूलना चाहिए भी है .
ट्रेन गंतव्य के लिए लाया जाएगा तो यह है कि घोड़े , चलाता है जब घोड़ा निर्देशित करने के लिए हर समय बागडोर पकड़े सारथी की तरह. घोड़े लापरवाह वासना शूरवीरों खुद को गलत दिशा पटरी से उतर जाएगा कि इच्छाओं . इस मंदिर Indrakila का निर्माण करने के लिए राजा Jayasakti द्वारा वांछित हो सकता है क्या है .
हमें Indrakila मंदिर के समारोह में यह मंदिर कामकाज समय की जरूरतों के लिए प्रासंगिक है रहेगा विचार कब तक हैं . इसके अलावा , उत्तर आधुनिक युग तेजी की जरूरत है असली नेताओं अंततः लोगों को नुकसान होगा कि pengumbaran वासना पर अटक तो नहीं के रूप में खुद को नियंत्रित करने का प्रयास .
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स्रोत: http://caritawayang.blogspot.com/2013/06/makna-bersatunya-panah-arjuna-dengan.html

Bhagavāna indra kē sātha tīra arjuna artha vilaya


Yud'dha kā sāmanā karanē mēṁ arjuna tapa Brata Yudha batāyā jātā hai ki kahānī mēṁ, yaha ēka hathiyāra tīra prāpta karanē kē li'ē tapasyā arjuna pāṇḍava viśēṣajña madhyastha tīra kiyā hai. Una sthānōṁ mēṁ sē ēka mā'uṇṭa arjuna tapa Indrakila mēṁ hai. Kyōṅki anta mēṁ Brata Yudha mēṁ yud'dha jītanē kē ēka sādhana kē rūpa mēṁ kucha jādū tīra hō rahī hai ki gambhīra arjuna tapa. Isakē kāraṇa kī saphalatā kē li'ē arjuna rājā Jayasakti kē cālaka Indrakila mandira sthāpita kiyā jā rahā hai. Ki śāhī rājya nētr̥tva mēṁ rājā kī jīta lā'ēgā kyā hai agara tapa sē jādū kē pariṇāma kē sātha.

Sanskr̥ta mēṁ jītanā jayā kahā jātā hai. Rājā saktilah jīta hāsila kī. Yaha niścita rūpa sē āja kē jñāna kī taraha nahīṁ kiyā gayā thā jaba śabda" jādū" . Ājakala kyōṅki kālā jādū kē sātha juṛē nakārātmaka artha kē śabda" jādū" . Purānī jāvānīsa sakārātmaka artha mēṁ bayāna Wrehaspati Tattwa 14 kē anusāra'jādū' kī paribhāṣā.

Wrehaspati mēṁ kahā gayā hai: Jisa taraha sē ngarania Ikang sarwajnyana pratidvandvī sarwa kāma. Artha: Jisa taraha sē nāma vijñāna aura bahuta kāma kā ēka bahuta kucha hai. Yahāṁ vijñāna ādhyātmikatā kā vijñāna aura sānsārika jñāna, yā Widya aura Apara Widya matalaba hai. Dō vijñāna r̥ṣi dvārā vēdōṁ kā janma hu'ā thā. Yaha vaidika vēda mātā vēdōṁ kī mām̐ kā matalaba hai kahā jātā hai yahī kāraṇa hai ki. Vaidika mantra yaha paramēśvara kā vacana hai.

Samajha Wrehaspati Tattwa taraha jādū śakti isa parvata Indrakila mēṁ arjuna sē māṅga kī hai. Isī taraha, mandira Indrakila para rājā jayā Sakti dvārā. Kahānī mēṁ yaha utsāha sē tapa arjuna arjuna tapa batāyā. Arjuna ēka jādū pratirōdha mila khusyuknya kyōṅki āsānī sē vāsanā dvārā parīkṣā nahīṁ. Arjuna pariyōṁ bahuta sundara lōgōṁ dvārā bahakāyā gayā thā. Lēkina arjuna saba para svarga sē parī kī sundaratā sē parīkṣā nahīṁ kiyā gayā thā.

Isakē alāvā arjuna adhika hinsaka pralōbhana hō rahī hai. Arjuna bahuta ghātaka ēka viśāla su'ara nē hamalā kiyā thā. Arjuna kē pralōbhana kō dabānē kē li'ē tīra apanē jādū kē nirdēśana kē sātha ēka viśāla su'ara sū'ara laṛatē haiṁ. Apratyāśita rūpa sē bhī viśāla su'ara para kucha tīra nirdēśana ēka yuvā śikārī vahāṁ gayā thā. Sū'ara bhī ēka tīra sē mr̥tyu hō ga'ī.

Hairānī kī bāta hai arjuna aura viśāla su'ara kē śarīra mēṁ phansa yuvā śikārī sanyukta tīra kē tīra. Śikārī yaha usakī bēdhā aura yaha su'ara kō māra ḍālā thā ki vaha kauna hai ki kahā gayā hai ki ēka tīra hai ki kahā gayā hai. Isakē bajāya arjuna bhī su'ara kō māra ḍālā ki tīra usakī hai ki jōra diyā. Arjuna aura śikārī ēka vivāda thā. Pahalē tō dōnōṁ samāna rūpa sē majabūta haiṁ. Arjuna ēka pala mēṁ, yuvā śikārī kī hatyā sē laṛā'ī khatma hō jā'ēgā lēkina jaba śikārī bhagavāna indra mēṁ badala jātā hai.

Arjuna yaha arjuna kē lacīlēpana kā parīkṣaṇa karanē kē li'ē bhagavāna indra banē ēka śikārī thā ēhasāsa hu'ā. Asalī bhagavāna indra dikhā'ī diyā, tō arjuna takjimnya sātha bhagavāna indra kī pūjā kī ga'ī thī. Yaha aksara kalā pradarśana kī ēka kisma mēṁ kiyā jātā hai kyōṅki arjuna kī kahānī tapa, bālī mēṁ bahuta lōkapriya hai. Nr̥tya kē mādhyama sē ēka nāṭakīya kalā hai, kō'ī ādi sāhityika kalā, kē mādhyama sē bhī vahām̐ hai pēṇṭiṅga kī kaṭhaputalī kalā kē mādhyama sē gujara rahā hai.

Dara'asala yaha isa duniyā mēṁ jīvana kē darśana kā māna vālē pratīkōṁ sē bharā sāhitya kawya kē mādhyama sē kalā pradarśana arjuna tapa tapa Brata śikṣā'ōṁ kī kahānī hai. Tīra kē sātha vilaya arjuna bhagavāna indra dēvatā'ōṁ kī icchā kē sātha mana kō ēkajuṭa karanē kē li'ē saphalatā tapa Brata kā pratīka hai tīra. Viśāla su'ara aksara lifelike lālacī aura badatamījī lātā hai jō tamasa gunā kā pratīka hai. Tamasa paramēśvara kī pavitra icchā kē sātha juṛē hu'ē kiyā gayā hai jō mana sē vaśa mēṁ kiyā jānā thā. Isī taraha, pralōbhana kō'ī an'ya Angel vāsanā pralōbhana kā pratīka hai thā.

Sabhī ki māhira ēka tapa Brata kā uddēśya hai. Vaha ātmanirīkṣaṇa kara pā'ē aura dr̥ṛha saṅkalpa kiyā thā ki agara ēka na'ē yōd'dhā kē rūpa mēṁ bindu arjuna apanē kartavyōṁ kā pālana karanē mēṁ sakṣama hō jā'ēgā, tō yaha sangsara kā ēka jīvana sē lōgōṁ kī rakṣā karanē mēṁ ḍagamagānē kē li'ē āsāna nahīṁ hai. Kārya rājya kē li'ē āsāna nahīṁ hai kyōṅki aisā sirpha naitika aura mānasika tākata aura sātha mēṁ paryāpta jñāna kē binā karanā.

Isa rājā Jayasaksi isa prakāra Indrakila mandira kī sthāpanā kē dvārā mahasūsa kiyā jā rahā hai kyā hai. Hyang trikōṇīya Purusa gāyā kē rūpa mēṁ apanī abhivyakti mēṁ bhagavāna kī pūjā kē alāvā, yaha bhī arjuna tapa kī kahānī kē pīchē jīvana kē mūlyōṁ ṭapakānā karanā hai. Indrakila lōgōṁ arjuna tapa kī kahānī kē pavitra mūlyōṁ kō avaśōṣita karanē kē li'ē jārī kara sakēṅgē pūjā karanē kē li'ē mandira mēṁ ānē kī vajaha sē.

Manawa 1.89 Dharmasastra mēṁ kō'ī dāyitva nā'iṭa ēka surakṣā kī bhāvanā (Raksanam) aura lōgōṁ kē li'ē (Danam) samr̥d'dha banātā hai ki kahā gayā hai. Isakē alāvā, vaidika granthōṁ yadnya utsava manānā aura lagātāra hōśa yā usakī icchā'ōṁ kē bandhana sē khuda kō niyantrita karanē kī kōśiśa kā adhyayana.

Māsṭara karanē kē prayāsa mēṁ Manawa Dharmasastra vāsanā lagātāra jādūgara tathākathita junūna māsṭara karanē kē li'ē kōśiśa kara rahā, jisakā matalaba hai wisayeswaprasaktatis ghōṣita kiyā gayā thā. Kyōṅki ēka yōd'dhā kī hara dina hamēśā sānsārika cījōṁ kē sātha dabbling. Yaha nakārātmaka hō jātā hai sānsārika bātēṁ kahīṁ aisā na hō, tō hara dina ēka nā'iṭa āyāmī aśānti vāsanā mēṁ mahārata hāsila hai ki gatividhiyōṁ karanē kē li'ē kabhī nahīṁ bhūlanā cāhi'ē bhī hai.

Ṭrēna gantavya kē li'ē lāyā jā'ēgā tō yaha hai ki ghōṛē, calātā hai jaba ghōṛā nirdēśita karanē kē li'ē hara samaya bāgaḍōra pakaṛē sārathī kī taraha. Ghōṛē lāparavāha vāsanā śūravīrōṁ khuda kō galata diśā paṭarī sē utara jā'ēgā ki icchā'ōṁ. Isa mandira Indrakila kā nirmāṇa karanē kē li'ē rājā Jayasakti dvārā vān̄chita hō sakatā hai kyā hai.

Hamēṁ Indrakila mandira kē samārōha mēṁ yaha mandira kāmakāja samaya kī jarūratōṁ kē li'ē prāsaṅgika hai rahēgā vicāra kaba taka haiṁ. Isakē alāvā, uttara ādhunika yuga tējī kī jarūrata hai asalī nētā'ōṁ antataḥ lōgōṁ kō nukasāna hōgā ki pengumbaran vāsanā para aṭaka tō nahīṁ kē rūpa mēṁ khuda kō niyantrita karanē kā prayāsa.

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